हाइलाइट्स
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खतरा: फ्रांसीसी कंपनी एयरबस के A320 विमानों पर तेज सोलर रेडिएशन से फ्लाइट कंट्रोल डेटा बिगड़ने का खतरा।
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प्रभाव: भारत में इंडिगो, एअर इंडिया, और एयर इंडिया एक्सप्रेस A320 संकट के कारण कुल 338 फ्लाइट्स प्रभावित, कई में 60-90 मिनट की देरी।
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कारण: हाल ही में अमेरिकी एयरलाइन जेटब्लू के A320 में पायलट के कमांड के बिना ‘पिच डाउन’ (अचानक नीचे झुकने) की घटना के बाद अपडेट का फैसला।
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समाधान: एयरबस ने तत्काल A320 संकट के कारण सॉफ्टवेयर अपग्रेड के निर्देश दिए। भारत में सुबह 10 बजे तक 189 विमानों का अपग्रेडेशन पूरा।
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डेडलाइन: दुनिया भर में A320 संकट के कारण 6,000 प्रभावित विमानों का अपग्रेडेशन 30 नवंबर, सुबह 5:29 बजे तक पूरा होने की उम्मीद।
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चुनौती: पुराने A320 विमानों में हार्डवेयर अपग्रेड के कारण ज्यादा देरी की आशंका।
नई दिल्ली | दुनिया की सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली सिंगल-आइल प्लेन, एयरबस की A320 सीरीज के विमानों में A320 संकट के कारण सॉफ्टवेयर की गंभीर गड़बड़ी के चलते शनिवार को वैश्विक हवाई यात्रा पर बड़ा असर पड़ा है। इस तकनीकी खराबी का संभावित कारण तेज सोलर रेडिएशन को बताया गया है, जो फ्लाइट कंट्रोल डेटा (ऊंचाई, दिशा, गति) को खराब कर सकता है।
भारत में 338 विमानों के ऑपरेशन में बाधा
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के आंकड़ों के अनुसार, भारत में इंडिगो, एअर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस (जो A320 सीरीज का संचालन करते हैं) की कुल 338 फ्लाइट्स प्रभावित हुई हैं। A320 संकट के कारण कई उड़ानों ने तय समय से 60 से 90 मिनट की देरी से उड़ान भरी, जिससे यात्रियों को भारी असुविधा हुई।
DGCA ने बताया कि कुल 338 प्रभावित विमानों में से 189, A320 सीरीज के विमानों का सॉफ्टवेयर अपग्रेडेशन शनिवार सुबह 10 बजे तक पूरा हो चुका है। यह दर्शाता है कि भारतीय एयरलाइंस इस वैश्विक समस्या पर तेजी से काम कर रही हैं।
अमेरिकी घटना के बाद एक्शन में एयरबस और EASA
इस सॉफ्टवेयर अपडेट का निर्णय हाल ही में हुई एक खतरनाक घटना के बाद लिया गया। यूरोपियन यूनियन एविएशन सेफ्टी एजेंसी (EASA) ने पुष्टि की कि 30 अक्टूबर, 2025 को अमेरिकी एयरलाइन जेटब्लू के एक A320 विमान में पायलट के कमांड के बिना अचानक ‘पिच डाउन’ की घटना हुई थी। कैनकन से नेवार्क जा रहे इस विमान में यात्रियों को चोटें आईं, हालांकि विमान सुरक्षित लैंड हो गया।
एयरबस की प्रारंभिक जांच में इस घटना का संभावित कारण एक सर्विसेबल एलिवेटर एलरॉन कम्प्यूटर (ELAC) में खराबी को बताया गया। ELAC, जो फ्लाइट कंट्रोल के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, में आई इस गड़बड़ी के चलते एयरबस ने सभी ऑपरेटरों से अपने एयरक्राफ्ट्स में ELAC लगाने और सॉफ्टवेयर को अपडेट करने को कहा है।
पुराने विमानों के लिए चुनौती
एयरबस के A320 फैमिली में A319, A320ceo/neo, और A321ceo/neo जैसे विमान शामिल हैं। नए A320 सीरीज के विमानों में सॉफ्टवेयर अपडेट में लगभग आधे घंटे का समय लग रहा है। हालांकि, पुराने A320 विमानों में, कुछ हार्डवेयर अपग्रेड की भी आवश्यकता होगी, जिसके कारण उनके अपग्रेडेशन में ज्यादा समय लगेगा और उड़ान संचालन में अधिक देरी की आशंका है।
दुनिया भर में A320 संकट के कारण लगभग 6,000 विमानों के ऑपरेशन पर असर पड़ा है, और सभी प्रभावित विमानों में अपडेट 30 नवंबर को सुबह 5:29 बजे तक पूरा होने की उम्मीद है।
एयरलाइंस ने जारी की एडवाइजरी
इस तकनीकी कार्य के कारण उत्पन्न हुई देरी को देखते हुए, इंडिगो और एअर इंडिया ने यात्रियों के लिए एडवाइजरी जारी की है।
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इंडिगो: “सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल के अनुसार, हम जरूरी अपडेट्स कर रहे हैं। इन एहतियाती अपडेट्स के कारण कुछ उड़ानों के शेड्यूल में थोड़ा बदलाव हो सकता है। एयरपोर्ट पर जाने से पहले हमारे ऐप/वेबसाइट पर अपनी फ्लाइट्स की लेटेस्ट स्टेटस देखें।”
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एअर इंडिया: “हमारे इंजीनियर इस काम को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं। हमने 40% से ज्यादा विमानों का रीसेट पूरा कर लिया है। हमारी कोई भी उड़ान रद्द नहीं हुई है, हालांकि कुछ उड़ानें थोड़ी देरी से या रिशेड्यूल हो सकती हैं।”
फ्लाइट कंट्रोल डेटा क्यों है बेहद महत्वपूर्ण
फ्लाइट कंट्रोल डेटा वह जानकारी होती है जिस पर पायलट और ऑटोपायलट सिस्टम विमान को सुरक्षित रूप से उड़ाने के लिए निर्भर करते हैं। इसमें शामिल हैं:
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ऊंचाई: लगातार और सटीक ऊंचाई की जानकारी।
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दिशा: नेविगेशन सिस्टम के लिए अनिवार्य डेटा।
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गति: गलत गति से स्टॉल (हवा में रुकना) या ओवर स्पीड हो सकता है।
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विमान के पार्ट की स्थिति: पंखों, फ्लैप, और एलेरॉन की सही स्थिति।
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इंजन पावर लेवल: इंजन को कितनी ताकत देना है, यह तय करना।






















