नीमच । मध्य प्रदेश की सियासत और सामाजिक सरोकारों में भूचाल लाने वाली करणी सेना परिवार की मुहिम अब मालवा के नीमच में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करा चुकी है। मंगलवार को जीवन सिंह शेरपुरकी जन क्रांति न्याय यात्रा का नीमच जिले में प्रवेश हुआ, तो नजारा देखने लायक था। ढोल-नगाड़ों की थाप और गगनभेदी नारों के बीच निकले इस काफिले ने न केवल शहर का माहौल बदल दिया, बल्कि प्रशासन और सरकार के सामने 21 सूत्रीय मांगों को लेकर एक नई चुनौती भी पेश कर दी है।
करणी सेना परिवार के प्रमुख ठाकुर जीवन सिंह शेरपुर के नेतृत्व में निकाली जा रही यह यात्रा प्रदेश के 30 से 32 जिलों का सफर तय कर अपने तीसरे चरण में नीमच पहुंची है। यहाँ सर्व समाज द्वारा जिस गर्मजोशी से यात्रा का स्वागत किया गया, उसने आगामी 21 दिसंबर को हरदा में होने वाले आंदोलन की भव्यता की झलक अभी से दिखा दी है।
महापुरुषों को नमन और सामाजिक समरसता का संदेश
मंगलवार दोपहर करीब 1 बजे, जब शेरपुर का काफिला नीमच की सीमा में दाखिल हुआ, तो हजारों युवाओं की भीड़ उनके स्वागत के लिए उमड़ पड़ी। यह यात्रा केवल शक्ति प्रदर्शन नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता का एक उदाहरण भी बनी। जीवन सिंह शेरपुर की जन क्रांति न्याय यात्रा के दौरान शेरपुर ने सबसे पहले ग्वालटोली स्थित वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।
इसके बाद, उन्होंने सामाजिक एकता का संदेश देते हुए बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर, स्वर्गीय खुमान सिंह शिवाजी, महर्षि वाल्मीकि और भारत माता की प्रतिमाओं पर भी माल्यार्पण किया। टाउन हॉल में आयोजित विशाल जनसभा में पहुंचने तक शहर के विभिन्न चौराहों पर जिलाध्यक्ष गिरिराज सिंह रूपपुरा के नेतृत्व में उनका ऐतिहासिक स्वागत किया गया। पुष्प वर्षा और नारों के बीच यह स्पष्ट हो गया कि शेरपुर अब केवल एक समाज के नेता नहीं, बल्कि सर्व समाज की आवाज बन चुके हैं।
“यह लड़ाई किसी एक जाति की नहीं, हक़ और अधिकारों की है”
टाउन हॉल में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए जीवन सिंह शेरपुर ने अपने तेवर स्पष्ट कर दिए। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन किसी जाति विशेष का नहीं है, बल्कि यह शोषित, पीड़ित और वंचित वर्ग के अधिकारों की लड़ाई है। उन्होंने मंच से साफ शब्दों में कहा,
“हम व्यवस्था परिवर्तन के लिए निकले हैं। हमारी लड़ाई उस सिस्टम से है जो गरीब, किसान और युवाओं की अनदेखी कर रहा है।”
शेरपुर ने बताया कि जीवन सिंह शेरपुर की जन क्रांति न्याय यात्रा का मुख्य उद्देश्य 21 सूत्रीय मांगों को सरकार से मनवाना है। इसमें सबसे प्रमुख मांग हरदा लाठीचार्ज की न्यायिक जांच और दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में लाठी के दम पर आवाज को दबाया नहीं जा सकता।
आरक्षण और एट्रोसिटी एक्ट पर बड़ा बयान
सभा के दौरान शेरपुर ने आरक्षण व्यवस्था और एट्रोसिटी एक्ट (SC/ST एक्ट) को लेकर बेबाक राय रखी। उन्होंने मांग की कि जिन परिवारों की वार्षिक आय 8 लाख रुपये से अधिक है, उन्हें आरक्षण के दायरे से बाहर किया जाना चाहिए और सभी वर्गों में “क्रीमी लेयर” की अवधारणा सख्ती से लागू हो।
इसके अलावा, उन्होंने SC/ST एक्ट के दुरुपयोग पर चिंता जताते हुए कहा कि निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए इस कानून का हथियार की तरह इस्तेमाल हो रहा है। शेरपुर ने सरकार से मांग की कि सामान्य और पिछड़ा वर्ग (OBC) की सुरक्षा के लिए भी SC/ST एक्ट की तर्ज पर एक नया और कड़ा कानून बनाया जाए, ताकि किसी के साथ अन्याय न हो।
किसानों, युवाओं और संविदा कर्मियों के लिए उठाई आवाज
करणी सेना परिवार की 21 सूत्रीय मांगों में समाज के हर तबके का दर्द शामिल किया गया है। शेरपुर ने सरकार के सामने निम्नलिखित प्रमुख मुद्दे रखे:
-
किसानों की समस्या: फसल नुकसान पर तत्काल और उचित मुआवजा मिले।
-
स्मार्ट मीटर का विरोध: बिजली के स्मार्ट मीटरों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए और बढ़े हुए बिजली बिलों में समायोजन किया जाए।
-
बेरोजगारी और भर्ती: सरकारी भर्तियों में पारदर्शिता लाई जाए, रुके हुए परिणाम घोषित हों और युवाओं को बेरोजगारी भत्ता दिया जाए।
-
संविदा कर्मी: लंबे समय से कार्यरत संविदा कर्मियों को बिना शर्त नियमित किया जाए।
-
गोशाला प्रबंधन: गोशालाओं की स्थिति सुधारी जाए और उनके लिए बजट बढ़ाया जाए।
-
सैनिक और मीडिया: सैनिकों के परिवारों को 10% आरक्षण और मीडियाकर्मियों के लिए संरक्षण कानून (Journalist Protection Act) लागू हो।
-
देवास-हरदा प्रकरण: आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए कथित झूठे मुकदमों को तुरंत वापस लिया जाए।
21 दिसंबर: हरदा चलो का आह्वान
अपने संबोधन के अंत में जीवन सिंह शेरपुर ने नीमच वासियों से एक बड़ी अपील की। उन्होंने कहा कि अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चों का भविष्य सुरक्षित हो और प्रदेश में न्याय का राज हो, तो आगामी 21 दिसंबर को हरदा में होने वाले “विशाल जन क्रांति न्याय आंदोलन” में अधिक से अधिक संख्या में पहुंचें।
उन्होंने कहा,
“नीमच ने आज जो प्यार दिया है, उसे हरदा में ताकत में बदलना होगा। यह सरकार को हमारी आखिरी चेतावनी होगी। यात्रा के समापन तक नीमच की सड़कों पर उत्साह का माहौल बना रहा। युवाओं का जोश बता रहा था कि मालवा अब इस आंदोलन का बड़ा गढ़ बनने जा रहा है।”






















