क्लिनिक सील, अब शिकायतकर्ता की सुरक्षा पर प्रश्न
नीमच, मध्य प्रदेश। नीमच जिले के ग्राम झातला में एक कथित डॉक्टर द्वारा तीन दशक से अधिक समय तक बिना चिकित्सकीय डिग्री के क्लिनिक संचालित करने के मामले ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन ने ‘डॉ. बलवीर सिंह राठौर’ का क्लिनिक सील कर दिया है, लेकिन अब विभाग की तीन दशक लंबी लापरवाही और शिकायतकर्ता की सुरक्षा का मुद्दा गरमा गया है।
स्वास्थ्य विभाग की चुप्पी: अनसुलझा रहस्य
प्रश्न यह है कि एक व्यक्ति 30 वर्षों तक गाँव में प्रतिबंधित इंजेक्शन और स्टेरॉयड का उपयोग करते हुए कैसे ग्रामीणों से मोटी रकम वसूलता रहा, और इस दौरान स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने इस अवैध कारोबार पर कार्रवाई क्यों नहीं की? ग्रामीणों की लगातार शिकायतें नजरअंदाज होती रहीं। यह स्पष्ट तौर पर संकेत देता है कि यह मामला सिर्फ एक फर्जी डॉक्टर का नहीं, बल्कि स्वास्थ्य निगरानी तंत्र की विफलता का है।
कार्रवाई के बाद धमकी: प्रशासन की भूमिका पर संदेह
शिकायतकर्ता अशोक कुमार धाकड़ और उनकी पत्नी ने सिंगोली थाने में आवेदन सौंपा है, जिसमें बताया गया है कि क्लिनिक सील होने के बाद राठौर दंपति अब उन्हें झूठे आरोपों में फँसाने की लगातार धमकियाँ दे रहे हैं। पुलिस द्वारा शिकायत पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई न होने से पीड़ित दंपति दहशत में हैं।
पीड़ित ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर तत्काल सुरक्षा और साथ ही, बिना डिग्री इलाज करने वाले डॉक्टर के साथ-साथ लापरवाह स्वास्थ्य अधिकारियों के खिलाफ भी सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है। जिला प्रशासन को अब न केवल फर्जी डॉक्टर पर सख्त एक्शन लेना होगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना होगा कि शिकायतकर्ता को न्याय और सुरक्षा मिले।






















