The Times of MP

कहते है जो बाकी छुपाते है…

नीमच में ‘अक्षय’ आक्रोष: क्रेडिट सोसायटी की ‘तानाशाही’ और सहकारिता विभाग की ‘चुप्पी’ के खिलाफ सड़कों पर उतरे ग्राहक


नीमच | शहर में मंगलवार का दिन प्रशासनिक गलियारों में गहमागहमी भरा रहा। अक्षय क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी (Akshay Credit Co-operative Society) की कथित मनमानी और अवैध वसूली से त्रस्त सैकड़ों ग्राहकों का धैर्य जवाब दे गया और वे लामबंद होकर कलेक्ट्रेट कार्यालय जा पहुंचे। यहाँ उन्होंने न केवल सोसाइटी प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोला, बल्कि सहकारिता विभाग पर भी मिलीभगत और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए।

क्या है पूरा मामला ?  प्रदर्शनकारी ग्राहकों का आरोप है कि अक्षय क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी एक वित्तीय संस्था की तरह नहीं, बल्कि ‘सूदखोरों’ की तरह व्यवहार कर रही है। ग्राहकों का कहना है कि सोसाइटी प्रबंधन द्वारा उन्हें लगातार मानसिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। पीड़ितों ने बताया कि प्रबंधन कोर्ट में चेक बाउंस (Cheque Bounce) के मामले लगाकर वारंट निकलवा रहा है। इसके बाद पुलिस और कोर्ट का डर दिखाकर उनकी संपत्ति कुर्क (Attach) करने और जेल भेजने की धमकियां दी जा रही हैं। ग्राहकों का कहना है कि यह वसूली पूरी तरह अवैध है और वे सालों से इस शोषण का शिकार हो रहे हैं।

800 पन्नों के सबूत, फिर भी 10 महीने से ‘जांच’ जारी प्रशासनिक लचरता का आलम यह है कि पीड़ितों ने अपनी व्यथा केवल जुबानी नहीं कही, बल्कि सबूतों का पुलिंदा भी सौंपा है। ग्राहकों ने बताया कि 15 फरवरी को उन्होंने सोसाइटी के अवैध कारनामों से जुड़े करीब 800 पन्नों के दस्तावेज़ सहकारिता विभाग को सौंपे थे। हैरानी की बात यह है कि दस्तावेज जमा करने के 10 महीने बीत जाने के बाद भी विभाग के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। ग्राहकों का आरोप है कि जब भी वे कार्रवाई की स्थिति जानने जाते हैं, अधिकारी “दस्तावेजों की कमी” का बहाना बनाकर पल्ला झाड़ लेते हैं।

सहकारिता विभाग पर ‘मिलीभगत’ का खुला आरोप प्रदर्शन के दौरान सबसे गंभीर आरोप सहकारिता विभाग (Cooperative Department) पर लगे। ग्राहकों ने नारेबाजी करते हुए कहा कि सोसाइटी और विभाग के अधिकारियों के बीच ‘गठजोड़’ है। पीड़ितों ने एसडीएम संजीव साहू (SDM Sanjeev Sahu) को सौंपे ज्ञापन में स्पष्ट कहा कि 2024 से वे राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य मंत्रियों तक गुहार लगा चुके हैं। ऊपर से जांच के आदेश आते हैं, लेकिन स्थानीय सहकारिता विभाग उन आदेशों को ठंडे बस्ते में डाल देता है। यह ढिलाई सोसाइटी के हौसले बढ़ा रही है, जिससे वे अब खुलकर धमकियां देने पर उतर आए हैं।

आर-पार की लड़ाई का ऐलान कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन कर रहे हताश ग्राहकों ने अब प्रशासन को अल्टीमेटम दे दिया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यह सिर्फ एक प्रदर्शन नहीं, बल्कि लंबी लड़ाई की शुरुआत है। जब तक अक्षय क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी के जिम्मेदार पदाधिकारियों के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज नहीं की जाती और अवैध वसूली पर रोक नहीं लगती, उनका शांतिपूर्ण विरोध जारी रहेगा।

 

 

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Aakash Sharma (Editor) The Times of MP

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