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फर्जी आंकड़ों पर फटकार: गांधीसागर पाइपलाइन के 90% काम पूरा होने के दावे को विधायक ने बताया गलत, कहा- धरातल पर काम अधूरा।
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नई तकनीक का सुझाव: सड़कों को बीच से खोदने पर रोक, अब टेलीकॉम कंपनियों की तर्ज पर किनारे से होगी आधुनिक कटिंग।
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बड़ा प्रस्ताव: सड़क हादसों में जनहानि होने पर पीड़ित परिवार को 12 लाख रुपये मुआवजा देने की वकालत।
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सेफ्टी फर्स्ट: फोरलेन काम में ‘जिगजैग’ लेन के लिए 100 मीटर की दूरी और डायवर्जन प्लान अनिवार्य।
नीमच। जिला कलेक्ट्रेट में विकास कार्यों की समीक्षा बैठक के दौरान विधायक ओमप्रकाश सकलेचा के तीखे तेवर देखने को मिले। जिले में चल रहे फोरलेन निर्माण, पेयजल परियोजना और सड़क सुरक्षा को लेकर आयोजित इस बैठक में विधायक ने स्पष्ट कहा कि निर्माण कार्यों में लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को ‘इंजीनियरिंग और सुरक्षा’ के नए मानकों पर काम करने के निर्देश दिए।
गांधीसागर पाइपलाइन: फाइलों और हकीकत में भारी अंतर
बैठक का सबसे गर्म मुद्दा गांधीसागर पेयजल परियोजना रहा। विभागीय अधिकारियों ने रिकॉर्ड में दावा किया कि 80 से 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। इस पर विधायक सकलेचा ने आपत्ति जताते हुए कहा कि यह आंकड़े पूरी तरह भ्रामक हैं। उन्होंने कहा, “जिले की एक भी पंचायत ऐसी नहीं है जहाँ काम वास्तव में पूरा हुआ हो।”
इस खुलासे के बाद कलेक्टर हिमांशु चंद्रा ने मामले की गंभीरता को समझते हुए संबंधित एमडी को पत्र लिखकर जवाबदेही तय करने के निर्देश दिए। साथ ही, पाइपलाइन के लिए खोदी गई सड़कों की मरम्मत न होने पर भी नाराजगी जताई गई।
अब नहीं खुदेंगी बीच सड़कें: टेलीकॉम मॉडल होगा लागू
सड़कों को बार-बार खोदने और बर्बाद करने की पद्धति बदलने का बड़ा निर्देश दिया गया है। विधायक ने सुझाव दिया कि अब सड़कों को बीच से खोदने की बजाय ‘टेलीकॉम कंपनियों की तकनीक’ अपनाई जाए।
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इसके तहत आधुनिक मशीनों से सड़क के किनारे (Side Shoulder) पर नियंत्रित कटिंग की जाएगी।
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इससे सड़क के बीच का हिस्सा सुरक्षित रहेगा, जहाँ भारी वाहनों का दबाव होता है।
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भविष्य में मेंटेनेंस के लिए पूरी सड़क उखाड़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
सड़क हादसों पर 12 लाख मुआवजे का प्रस्ताव
विधायक सकलेचा ने मानवीय दृष्टिकोण रखते हुए प्रशासन के सामने एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण की कमियों या हादसों की वजह से अगर किसी की जान जाती है, तो पीड़ित परिवार को त्वरित आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए। उन्होंने ऐसे मामलों में न्यूनतम 12 लाख रुपये मुआवजा देने की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा।
फोरलेन निर्माण: पहले सुरक्षा, फिर काम
जावद-जमुनिया मार्ग और फोरलेन के कार्यों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए गए कि निर्माण एजेंसी पहले एक तरफ की रोड (One Side Lane) को पूरी तरह चलने लायक बनाए, उसके बाद ही दूसरी तरफ खुदाई करे। लेन बदलने (Lane Change) वाले स्थानों पर हादसों को रोकने के लिए 50 से 100 मीटर का ‘जिगजैग’ एरिया रखने को कहा गया है।
बैठक में ये रहे मौजूद समीक्षा बैठक में नीमच विधायक दिलीप सिंह परिहार, कलेक्टर हिमांशु चंद्रा, एमपीआरडीसी (MPRDC), लोक निर्माण विभाग (PWD) और जल संसाधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।






















