(नीमच/जावद): न्याय प्रणाली का उद्देश्य केवल अपराधियों को दंडित करना नहीं, बल्कि सुधार की प्रक्रिया को सुनिश्चित करना भी है। इसी उद्देश्य को धरातल पर उतारने के लिए Neemuch Jail Inspection (नीमच जेल निरीक्षण) की एक महत्वपूर्ण कार्यवाही रविवार को संपन्न हुई।
माननीय मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के दिशा-निर्देशों के अनुपालन में 30 नवंबर 2025 को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, नीमच की सचिव श्रीमती शोभना मीणा ने जिला जेल नीमच और उप जेल जावद का सघन निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने न केवल जेल की सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लिया, बल्कि मानवीय आधार पर बंदियों को मिलने वाली सुविधाओं को भी परखा।
जिला जेल नीमच: बैरकों का निरीक्षण और बंदियों से सीधा संवाद
Neemuch Jail Inspection की शुरुआत जिला जेल से हुई। सचिव श्रीमती शोभना मीणा ने जेल परिसर में प्रवेश करते ही सबसे पहले बंदियों के रहने की व्यवस्था का जायजा लिया। उन्होंने अलग-अलग बैरकों में जाकर बंदियों से ‘वन-टू-वन’ संवाद स्थापित किया।
इस दौरान सचिव महोदया का मुख्य जोर इस बात पर था कि क्या जेल में बंद हर व्यक्ति को विधिक सहायता (Legal Aid) मिल पा रही है या नहीं। उन्होंने जेल अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि कोई भी बंदी आर्थिक तंगी या जानकारी के अभाव में न्याय से वंचित नहीं रहना चाहिए।
निरीक्षण के मुख्य बिंदु:
-
जमानत आवेदन: सचिव ने निर्देश दिए कि जो अपराध जमानती (Bailable) श्रेणी में आते हैं, उनके लिए बंदियों के जमानत आवेदन तत्काल समय पर न्यायालय में प्रस्तुत किए जाएं। इसमें होने वाली देरी को गंभीरता से लिया जाएगा।
-
लंबित प्रकरण: जिन बंदियों के केस लंबे समय से पेंडिंग हैं और उन्हें वकील नहीं मिल पा रहा है, उनकी सूची तैयार कर प्राधिकरण को भेजने के निर्देश दिए गए।
मूलभूत सुविधाओं की ‘ग्राउंड रिपोर्ट’: भोजन से लेकर लाइब्रेरी तक
निरीक्षण केवल कानूनी फाइलों तक सीमित नहीं होता। श्रीमती मीणा ने जेल के भोजनालय (Kitchen) का भी निरीक्षण किया। यहाँ उन्होंने बंदियों के लिए बन रहे भोजन की गुणवत्ता (Quality Check) की जाँच की।
इसके साथ ही, जेल में स्वास्थ्य सेवाओं (Health Services) की उपलब्धता पर विशेष चर्चा की गई। बीमार बंदियों को समय पर डॉक्टर और दवाइयां मिल रही हैं या नहीं, इसका रिकॉर्ड भी चेक किया गया। स्वच्छता के मानकों और बंदियों के मानसिक विकास के लिए जेल में संचालित पुस्तकालय (Library) की स्थिति को भी देखा गया।
उप जेल जावद में भी कड़े तेवर
जिला जेल के बाद, Neemuch Jail Inspection का अगला पड़ाव उप जेल जावद रहा। यहाँ भी सचिव श्रीमती शोभना मीणा ने उसी सख्ती और संवेदनशीलता के साथ निरीक्षण कार्य को अंजाम दिया। उप जेल में बंदियों से व्यक्तिगत चर्चा करते हुए उन्होंने पूछा कि क्या उन्हें अपने केस की वर्तमान स्थिति (Case Status) के बारे में जानकारी है?
जावद जेल स्टाफ को निर्देशित करते हुए उन्होंने कहा,
“जिन बंदियों को सरकारी खर्चे पर वकील की आवश्यकता है,
उनके आवेदन बिना किसी देरी के जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कार्यालय को प्रेषित किए जाएं।”
अधिकारियों को ‘जीरो टॉलरेंस’ का संदेश
Neemuch Jail Inspection के अंत में, सचिव ने जिला जेल नीमच और उप जेल जावद, दोनों ही जेल अधीक्षकों और उपस्थित स्टाफ की एक संयुक्त ब्रीफिंग ली। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के दिशा-निर्देशों का पालन 100% सुनिश्चित होना चाहिए।
Neemuch Jail Inspection में उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि यदि भविष्य में यह पाया गया कि कोई भी पात्र बंदी विधिक सहायता से वंचित रह गया है, तो इसे विभाग की लापरवाही माना जाएगा। यह निरीक्षण केवल एक औपचारिकता नहीं थी, बल्कि जेल प्रशासन को चुस्त-दुरुस्त करने की एक कवायद थी, ताकि ‘न्याय सबके लिए’ (Justice for All) की अवधारणा सच साबित हो सके।
यह Neemuch Jail Inspection यह साबित करता है कि न्यायपालिका अब बंद दीवारों के पीछे भी अपने नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए सजग है। विधिक सेवा प्राधिकरण के ऐसे औचक निरीक्षण जेल प्रशासन में पारदर्शिता लाते हैं और बंदियों के मन में न्याय व्यवस्था के प्रति विश्वास को मजबूत करते हैं।
यह भी पढ़ें: जयपुर रेलवे स्टेशन से बच्चा किडनैप: मां को आई झपकी और उजड़ गई गोद, 16 घंटे के ‘ऑपरेशन तलाश’ के बाद ऐसे मिली सफलता






















