नीमच, मध्य प्रदेश। मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के निर्देशानुसार 9 से 14 नवंबर 2025 तक चल रहे ‘न्यायोत्सव विधिक सेवा सप्ताह’ के तहत आज (12 नवंबर 2025) जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, नीमच द्वारा ग्राम पंचायत मोरवन के सामुदायिक भवन में एक महत्वपूर्ण विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
इस शिविर में मोरवन और आसपास के ग्रामों के बड़ी संख्या में विद्यार्थी, जनप्रतिनिधि और आम ग्रामीणजन उपस्थित रहे। कार्यक्रम का उद्देश्य समाज के अंतिम व्यक्ति तक उनके कानूनी अधिकारों और जिम्मेदारियों की जानकारी पहुँचाना था।
कानूनों से ज्यादा सामाजिक बदलाव ज़रूरी: शोभना मीणा
शिविर को संबोधित करते हुए, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, नीमच, श्रीमती शोभना मीणा ने कई महत्वपूर्ण विधिक विषयों पर प्रकाश डाला। उन्होंने विशेष रूप से लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम (POCSO Act), बाल विवाह निषेध अधिनियम और बाल श्रम निषेध अधिनियम पर विस्तृत जानकारी प्रदान की।
श्रीमती मीणा ने समाज में गहराई से व्याप्त कुरीतियों जैसे बाल विवाह, बाल सगाई और मृत्यु भोज को समाप्त करने के लिए सामुदायिक और मानसिक परिवर्तन की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा,
“केवल कानून बना देने से उसका पालन सुनिश्चित नहीं होता, बल्कि समाज में व्यापक जागरूकता और लोगों की सोच में वास्तविक बदलाव से ही वास्तविक परिवर्तन संभव है।”
उन्होंने समाज के प्रतिष्ठित और निष्पक्ष छवि वाले लोगों से सामुदायिक मध्यस्थ (Community Mediator) के रूप में आगे आने और विवादों को सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटाने में मदद करने का भी आह्वान किया।
जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री प्रवीण कुमार और विभिन्न समुदायों के प्रतिनिधियों ने भी कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त किए। इस जागरूकता शिविर में अमर सिंह गौड़, भगालाल गौड़, उर्मिला रावत सहित ग्राम पंचायत के समस्त ग्रामवासी उत्साहपूर्वक शामिल हुए।






















