परिजनों ने धर्मेंद्र परिहार पर लगाए गंभीर आरोप

नीमच। कर्ज से उपजे गहरे अवसाद और मकान बेचने में हुई कथित धोखाधड़ी से परेशान होकर प्रदीप सेन (निवासी- नीमच) ने गुरुवार सुबह सल्फास की गोलियां खा लीं। उन्हें गंभीर हालत में आनन-फानन में पहले जिला चिकित्सालय और फिर ज्ञानोदय अस्पताल ले जाया गया, जहाँ देर रात उपचार के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। इस दर्दनाक घटना के बाद परिजनों ने सीधे तौर पर एक व्यक्ति धर्मेंद्र परिहार को उनकी मौत का जिम्मेदार ठहराया है।
पुत्र का आरोप: मकान बेचने के बाद भी नहीं मिले 22 लाख
मृतक प्रदीप सेन के पुत्र, रितिक सेन, ने मीडिया से बात करते हुए पूरे मामले का खुलासा किया। रितिक ने बताया कि कर्ज से त्रस्त होकर उनके परिवार ने बगीचा नंबर 10 स्थित अपना मकान बेचने का फैसला किया था।
रितिक के अनुसार:
- विक्रय: मकान धर्मेंद्र परिहार के माध्यम से जगदीश प्रजापति को 27 लाख रुपये में बेचा गया।
- भुगतान: उन्हें टोकन के रूप में 5 लाख रुपये मिले। बाद में विक्रेता जगदीश प्रजापति ने 7.5 लाख रुपये और दिए, लेकिन यह राशि कथित तौर पर धर्मेंद्र परिहार ने ले ली।
- धोखाधड़ी: धर्मेंद्र परिहार ने प्रदीप सेन को यह कहकर आश्वासन दिया था कि मकान खाली कर कब्जा देने के बाद वह पूरा शेष पेमेंट (लगभग ₹22 लाख) कर देगा।
- परिणाम: परिवार मकान खाली कर किराए के घर में शिफ्ट हो गया, लेकिन कब्जा छोड़ने के बाद धर्मेंद्र परिहार साफ मुकर गया और पैसे देने से इंकार कर दिया।
पुत्र रितिक ने स्पष्ट रूप से कहा कि धर्मेंद्र परिहार की इस धोखाधड़ी और पैसे न देने के कारण उनके पिता कर्जदारों के दबाव में आ गए और आत्महत्या जैसा कठोर कदम उठा लिया।
आरोपी ने आरोपों से किया साफ इंकार
इस गंभीर मामले पर, द टाइम्स ऑफ एम.पी. ने आरोपी धर्मेंद्र परिहार से फोन पर संपर्क किया। धर्मेंद्र परिहार ने मृतक प्रदीप सेन से किसी भी तरह के लेन-देन या मकान की सौदेबाजी में शामिल होने से साफ इंकार कर दिया है।
फिलहाल, पुलिस ने मामले को संज्ञान में ले लिया है और परिजनों के आरोपों के आधार पर जाँच शुरू कर दी गई है। यह मामला अब आत्महत्या के लिए उकसाने और धोखाधड़ी के पहलुओं की ओर बढ़ सकता है।






















