● ग्रामीण क्षेत्रों ने दिखाई रफ़्तार, शहरी क्षेत्र अब भी दौड़ में पीछे
● एडीएम बी.एस. कलेश ने जारी की ‘द टाइम्स ऑफ एमपी’ को एक्सक्लूसिव प्रोग्रेस रिपोर्ट
● 24 नवंबर सुबह 8 बजे तक की ताज़ा स्थिति
नीमच/द टाइम्स ऑफ एमपी। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार जिले में चल रहे विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (Special Summary Revision – SSR) अभियान अब अपने निर्णायक चरण में पहुँच चुका है। मतदाता सूची को पारदर्शी, त्रुटिरहित और पूरी तरह से डिजिटल बनाने के इस महाअभियान में नीमच जिले ने रविवार-सोमवार की दरमियानी रात और सुबह तक उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की है।
जिला प्रशासन द्वारा ‘द टाइम्स ऑफ एमपी’ (The Times of MP) के साथ साझा की गई विशेष एक्सक्लूसिव रिपोर्ट के अनुसार, जिले में इलेक्टोरल फॉर्म्स के डिजिटाइजेशन (Digitization) का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। अपर कलेक्टर (ADM) श्री बी.एस. कलेश द्वारा आज, 24 नवंबर 2025 की सुबह 08:00 बजे जारी किए गए ताज़ा आंकड़ों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जिले का प्रशासनिक अमला और मैदानी कार्यकर्ता (BLO) पूरी ताकत के साथ इस लक्ष्य को भेदने में जुटे हुए हैं।
महाअभियान: आंकड़ों की जुबानी
प्रशासनिक रिपोर्ट के मुताबिक, नीमच जिले में कुल पंजीकृत मतदाताओं की संख्या 6,19,441 है। इतने विशाल डेटाबेस को समय सीमा के भीतर सत्यापित करना और उसे डिजिटल फॉर्मेट में अपडेट करना एक बड़ी चुनौती थी, जिसे जिले ने बखूबी स्वीकार किया है। ताज़ा स्थिति के अनुसार, जिले ने कुल लक्ष्य का 70.93 प्रतिशत कार्य सफलतापूर्वक पूर्ण कर लिया है। इसका सीधा अर्थ है कि लगभग 4.40 लाख से अधिक मतदाताओं के फॉर्म्स न केवल भरवाए जा चुके हैं, बल्कि उन्हें सिस्टम पर अपडेट भी कर दिया गया है।
एडीएम श्री कलेश ने बताया कि, “हमारा उद्देश्य केवल फॉर्म इकट्ठा करना नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि हर एक मतदाता का रिकॉर्ड त्रुटिरहित हो। पिछले 24 घंटों में डिजिटाइजेशन की गति में भारी उछाल आया है।”
विधानसभा वॉर: जावद ने मारी बाजी, नीमच पिछड़ा
इस महाअभियान में जिले की तीनों विधानसभा सीटों के बीच एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा (Healthy Competition) देखने को मिल रही है। जहाँ ग्रामीण अंचलों में गजब की फुर्ती है, वहीं शहरी क्षेत्र अभी भी रफ़्तार पकड़ने की कोशिश कर रहा है।
1. जावद विधानसभा (नंबर-1): जावद विधानसभा क्षेत्र के बीएलओ (BLO) और सुपरवाइजर्स ने कमाल का प्रदर्शन किया है। यहाँ प्रशासन की मुस्तैदी का असर साफ दिख रहा है। जावद ने जिले में सर्वाधिक 74.46 प्रतिशत फॉर्म्स का डिजिटाइजेशन पूरा कर शीर्ष स्थान हासिल किया है। एसडीएम और तहसीलदार स्तर की लगातार मॉनिटरिंग ने यहाँ के नतीजों को बेहतर बनाया है।
2. मनासा विधानसभा (नंबर-2): मनासा विधानसभा भी इस दौड़ में ज्यादा पीछे नहीं है। यहाँ के मैदानी अमले ने 71.49 प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिया है। मनासा के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में कनेक्टिविटी की चुनौतियों के बावजूद 70 फीसदी का आंकड़ा पार करना एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
3. नीमच विधानसभा (नंबर-3): सबसे चौंकाने वाले आंकड़े जिला मुख्यालय यानी नीमच विधानसभा से आए हैं। तमाम संसाधनों और बेहतर कनेक्टिविटी के बावजूद नीमच विधानसभा प्रदर्शन के मामले में तीसरे स्थान पर है। यहाँ अब तक 67.65 प्रतिशत कार्य ही हो सका है। जानकारों का मानना है कि शहरी मतदाताओं की उदासीनता और कुछ पॉश इलाकों में बीएलओ को आने वाली व्यावहारिक दिक्कतें इसकी एक वजह हो सकती हैं।
प्रशासन सख्त: 100% लक्ष्य हर हाल में पूरा हो
एडीएम श्री बी.एस. कलेश ने ‘द टाइम्स ऑफ एमपी’ से चर्चा करते हुए स्पष्ट किया कि धीमी गति को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, “जो विधानसभाएं पीछे चल रही हैं, वहां अतिरिक्त संसाधन लगाए जा सकते हैं। हमारा लक्ष्य शत-प्रतिशत (100%) डिजिटाइजेशन का है और इसे समय सीमा समाप्त होने से पहले हर हाल में पूरा करना होगा।”
सूत्रों के अनुसार, जिन बीएलओ का प्रदर्शन कमजोर रहा है, उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करने पर भी विचार किया जा सकता है, वहीं अच्छा काम करने वाले कर्मचारियों को गणतंत्र दिवस पर सम्मानित करने की योजना भी प्रशासन के विचाराधीन है।
आगे क्या?
आने वाले 2-3 दिनों में इस अभियान को फाइनल टच दिया जाएगा। प्रशासन ने आम जनता से भी अपील की है कि यदि उनके परिवार के किसी सदस्य का नाम मतदाता सूची में जुड़ने से रह गया है या उसमें कोई त्रुटि है, तो वे तुरंत अपने क्षेत्र के बीएलओ से संपर्क करें और इस डिजिटल क्रांति का हिस्सा बनें।























