चित्तौड़गढ़ | चित्तौड़गढ़ मेवाड़ के सुप्रसिद्ध कृष्णधाम में इस बार Sanwaliya Seth Donation Record टूट गया है। श्री सांवरिया सेठ के दरबार में आस्था ने इस बार दान के सभी पुराने कीर्तिमान ध्वस्त कर दिए हैं। चित्तौड़गढ़ जिले के मंडफिया स्थित मंदिर में जब दानपात्र (भंडार) खोला गया, तो लक्ष्मी जी की ऐसी कृपा बरसी कि आंकड़ा पहली बार 51 करोड़ रुपये को पार कर गया। गुरुवार को गिनती के छठे और अंतिम राउंड के बाद जब कुल योग किया गया, तो यह राशि 51 करोड़ 27 लाख 30 हजार 112 रुपये रही।
सोना-चांदी और ऑनलाइन दान में भी पीछे नहीं भक्त
सिर्फ नकदी ही नहीं, सांवरिया सेठ के भक्तों ने सोने और चांदी का भी दिल खोलकर दान किया है। मंदिर मंडल के अनुसार, कुल 1 किलो 204 ग्राम सोना और 207 किलो 793 ग्राम चांदी प्राप्त हुई है। इसमें भंडार (दानपात्र) से 985 ग्राम सोना और कार्यालय (भेंट कक्ष) से 219.400 ग्राम सोना मिला। वहीं, चांदी के मामले में भंडार से 86.200 किलो और भेंट कक्ष से 121.593 किलो चांदी प्राप्त हुई।
खास बात यह है कि ‘डिजिटल इंडिया’ की झलक मंदिर में भी दिखी। भक्तों ने ऑनलाइन माध्यमों से 10 करोड़ 52 लाख 89 हजार 569 रुपये का दान किया, जो पिछले वर्षों की तुलना में बहुत अधिक है।
19 नवंबर से चल रही थी ‘नोटों की बारिश’
श्री सांवरियाजी मंदिर का भंडार चतुर्दशी के अवसर पर 19 नवंबर को खोला गया था। नोटों और सिक्कों का पहाड़ इतना बड़ा था कि इसकी गिनती कई दिनों तक चली। मंदिर प्रशासन, ट्रस्ट और सुरक्षा कर्मियों की कड़ी निगरानी में यह प्रक्रिया पूरी की गई।
Sanwaliya Seth Donation Record: हर राउंड में मिली नकदी का हिसाब (Round-wise Detail)
गिनती की प्रक्रिया बेहद रोमांचक रही। हर राउंड के साथ रिकॉर्ड टूटते चले गए:
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पहला राउंड (बंपर शुरुआत): 19 नवंबर को पहले ही दिन 12 करोड़ 35 लाख रुपये निकले, जिससे यह तय हो गया था कि इस बार रिकॉर्ड बनेगा।
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दूसरा राउंड: 21 नवंबर को 8 करोड़ 54 लाख रुपये की राशि प्राप्त हुई (अमावस्या के कारण 20 को गिनती रुकी रही)।
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तीसरा राउंड: 24 नवंबर को गिनती हुई और 7 करोड़ 8 लाख 80 हजार रुपये मिले।
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चौथा राउंड (रिकॉर्ड की पुष्टि): 8 करोड़ 15 लाख 80 हजार रुपये मिले। यहीं से तय हो गया कि आंकड़ा ऐतिहासिक होगा।
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पांचवां राउंड: 26 नवंबर को 4 करोड़ 19 लाख रुपये मिले, जिससे कुल योग 40 करोड़ के पार चला गया।
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छठा राउंड (अंतिम): गुरुवार को अंतिम दौर में 41 लाख 01 हजार 543 रुपये की गिनती हुई।
मंदिर मंडल के सदस्य पवन तिवारी ने बताया कि सांवरिया सेठ पर भक्तों का अटूट विश्वास ही इस महा-दान का कारण है। दीपावली के बाद यह पहली बार भंडार खोला गया था, इसलिए भक्तों ने अपनी खुशहाली का हिस्सा भगवान के चरणों में अर्पित किया।
सांवरिया सेठ: व्यापार में भागीदार माने जाते हैं भगवान :
सांवरिया सेठ का यह मंदिर चित्तौड़गढ़ ही नहीं, बल्कि पूरे देश में आस्था का बड़ा केंद्र है। मान्यता है कि सांवरिया सेठ भक्तों के व्यापार में भागीदार (Partner) हैं। भक्त अपने व्यापार में होने वाले मुनाफे का एक हिस्सा भगवान के लिए अलग रखते हैं और हर महीने अमावस्या पर दानपात्र में डालते हैं।
19 नवंबर से शुरू हुई गिनती में 51 करोड़ का आंकड़ा पार होना यह साबित करता है कि भक्तों को व्यापार में भारी मुनाफा हुआ है और उनकी आस्था दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। मंदिर प्रशासन ने बताया कि आने वाले समय में मंदिर सुविधाओं में और विस्तार किया जाएगा ताकि श्रद्धालुओं को दर्शन में आसानी हो।”
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