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White House Firing: 2 नेशनल गार्ड्स घायल, अफगान हमलावर अरेस्ट; ट्रंप बोले- यह आतंकी हमला

White House Firing

प्रमुख बिंदु :

  • घटना: व्हाइट हाउस के पास फैरागट वेस्ट मेट्रो स्टेशन पर फायरिंग, 2 नेशनल गार्ड गंभीर रूप से घायल।

  • आरोपी: 29 वर्षीय रहमानुल्लाह लाकनवाल, जो पूर्व अफगान सैनिक है और 2021 में अमेरिका आया था।

  • एक्शन: राष्ट्रपति ट्रंप ने इसे ‘मानवता के खिलाफ अपराध’ बताया, 500 अतिरिक्त सैनिक तैनात किए।

  • बड़ा फैसला: अमेरिका ने तत्काल प्रभाव से सभी अफगान शरणार्थियों की इमिग्रेशन प्रक्रिया पर अनिश्चितकालीन रोक लगाई।


वॉशिंगटन डीसी (ब्यूरो): अमेरिका में White House Firing की एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया है। बुधवार को व्हाइट हाउस के पास तैनात नेशनल गार्ड्स के 2 जवानों को गोली मार दी गई। इस मामले में पुलिस ने एक अफगान शरणार्थी को गिरफ्तार किया है। एफबीआई (FBI) और अमेरिकी एजेंसियों ने इसे गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है।

White House Firing: क्या है पूरा मामला? FBI अधिकारियों के मुताबिक, White House Firing की इस घटना में शामिल संदिग्ध की पहचान 29 साल के रहमानुल्लाह लाकनवाल के तौर पर हुई है। वह अगस्त 2021 में अफगानिस्तान से अमेरिका आया था। उसने 2024 में शरणार्थी के दर्जे के लिए अप्लाई किया था और उसे अप्रैल 2025 में मंजूरी मिली थी।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इसे आतंकी घटना करार दिया है। उन्होंने कहा कि इसमें जो भी शामिल हैं, उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी होगी। उन्होंने अमेरिका में अफगान शरणार्थियों की तुरंत एंट्री रोकने का ऐलान किया है।

White House Firing का खौफनाक मंजर: महिला गार्ड को मारी गोली

यह हमला फैरागट वेस्ट मेट्रो स्टेशन के पास हुआ। रिपोर्ट्स के मुताबिक, लाकनवाल कुछ समय तक वहां इंतजार करता रहा और फिर अचानक अमेरिकी समयानुसार दोपहर 2:15 बजे के आसपास उसने गोलीबारी शुरू कर दी।

न्यूयॉर्क पोस्ट के मुताबिक, White House Firing के दौरान उसने पहले एक महिला गार्ड को सीने में गोली मारी और फिर सिर में। इसके बाद उसने दूसरे गार्ड पर फायर किया। उसी समय पास ही मौजूद तीसरे गार्ड ने लाकनवाल पर चार गोलियां चलाई, जिसके बाद हमलावर को काबू कर लिया गया। हमलावर को लगभग बिना कपड़ों के एम्बुलेंस में ले जाया गया।

आरोपी का सच: 10 साल अफगान सेना में रहा

NBC न्यूज के मुताबिक लाकनवाल के एक रिश्तेदार ने बताया कि वह अफगानिस्तान के खोस्त प्रांत में पला-बढ़ा था। वह 4 साल पहले अमेरिका आया था। रिश्तेदार ने बताया कि White House Firing का आरोपी लाकनवाला अमेरिका आने से पहले 10 साल तक अफगान सेना में काम कर चुका था और इस दौरान उसने अमेरिकी स्पेशल फोर्सेज के साथ मिलकर ऑपरेशन भी किए थे।

रिश्तेदार के मुताबिक, लाकनवाल अपनी मिलिट्री सर्विस के दौरान कुछ समय कंधार के एक बेस पर तैनात रहा था।

ट्रंप का आक्रामक रुख: ‘अफगानिस्तान एक नरक है’

इस हमले के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ और एक वीडियो संदेश के जरिए बाइडेन प्रशासन की नीतियों पर हमला बोला।

राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा: “संदिग्ध एक विदेशी है जो अफगानिस्तान जैसी नरक (Hell) जैसी जगह से आया है। यह केवल हमारे जवानों पर हमला नहीं, बल्कि हमारे राष्ट्र और मानवता के खिलाफ अपराध है। जिस किसी ने भी इसमें मदद की है, उसे भारी कीमत चुकानी होगी।”

White House Firing

राष्ट्रपति ट्रंप

ट्रंप प्रशासन के कड़े फैसले:

  • इमिग्रेशन पर रोक: अमेरिका ने अफगान नागरिकों की सभी तरह की इमिग्रेशन रिक्वेस्ट और वेटिंग सिस्टम को अनिश्चितकाल के लिए सस्पेंड कर दिया है। USCIS ने साफ किया है कि सुरक्षा समीक्षा पूरी होने तक कोई नई एंट्री नहीं होगी।

  • सुरक्षा बढ़ाई: पेंटागन को वॉशिंगटन डीसी में 500 अतिरिक्त नेशनल गार्ड्स तैनात करने का आदेश दिया गया है।

  • दोबारा जांच (Re-vetting): पिछली सरकार (बाइडेन प्रशासन) के दौरान अमेरिका आए सभी अफगान नागरिकों की फाइलों की दोबारा जांच (Vetting) की जाएगी।

राजनीतिक विवाद और नेशनल गार्ड्स की तैनाती

यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब वॉशिंगटन डीसी में नेशनल गार्ड्स की तैनाती पहले से ही एक विवादास्पद मुद्दा बनी हुई है। ट्रंप प्रशासन ने अपराध नियंत्रण के लिए डीसी पुलिस का संघीयकरण (Federalization) करते हुए अगस्त में अन्य राज्यों से गार्ड्स को बुलाया था। हालांकि, एक संघीय जज ने हाल ही में इस तैनाती को खत्म करने का आदेश दिया था, जिस पर फिलहाल 21 दिनों की रोक लगी हुई थी। इस हमले के बाद अब गार्ड्स की मौजूदगी को और मजबूत किया जा सकता है।

फिलहाल, एफबीआई यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि अमेरिकी सेना के साथ काम करने वाला एक पूर्व सहयोगी अचानक इतना हिंसक और कट्टरपंथी कैसे हो गया। क्या इसके पीछे किसी आतंकी संगठन का हाथ है, या यह ‘लोन वुल्फ’ अटैक था? जांच जारी है।

 

 

 

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Aakash Sharma (Editor) The Times of MP

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