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कहते है जो बाकी छुपाते है…

जावद की बेटी मंदसौर में 15 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार: भ्रष्टाचार के साए में फिर सुर्खियों में आया नगर

हिमांगिनी शर्मा

हिमांगिनी शर्मा

    हिमांगिनी शर्मा

(ओम प्रकाश कसेरा)

जावद/मंदसौर: नीमच जिले के जावद नगर की निवासी हिमांगिनी शर्मा को मंदसौर में लोकायुक्त पुलिस, उज्जैन टीम ने ₹15,000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। हिमांगिनी शर्मा वर्तमान में जिला थोक उपभोक्ता सहकारी भंडार, काला खेत, मंदसौर में प्रशासक सहायक प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं।

यह कार्रवाई बुधवार को मंदसौर निवासी प्रभुलाल धनगर की शिकायत पर की गई। धनगर ने लोकायुक्त एसपी आनंद यादव को शिकायत में बताया था कि हिमांगिनी शर्मा उनकी संस्था से जुड़ी स्टेशनरी सामग्री की फाइल और चेक पर हस्ताक्षर करने के लिए ₹30,000 की रिश्वत मांग रही थीं।
लोकायुक्त टीम ने शिकायत का सत्यापन करने के बाद कार्यालय में जाल बिछाया और बुधवार को ₹15,000 लेते हुए हिमांगिनी शर्मा को रंगे हाथों पकड़ लिया।
पहले भी विवादों में रह चुकी हैं अधिकारी
सूत्रों के अनुसार, हिमांगिनी शर्मा पूर्व में भी कुछ विभागीय विवादों में चर्चा में रही हैं। वह जावद नगर के वार्ड क्रमांक 12, अन्नपूर्णा गली के पास निवास करती हैं। उनके पिता भारतीय नौसेना (Navy) में रहकर देश की सेवा कर चुके हैं।
परिवार पर भी लगे आरोप
जानकारी के मुताबिक, हिमांगिनी शर्मा के मामा राजेंद्र शर्मा, जो स्थानीय शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, जावद में शिक्षक हैं, उन पर छात्राओं से अनुचित व्यवहार (छेड़खानी) के आरोप में विभागीय कार्रवाई हो चुकी है।
विद्यालय की छात्राओं की शिकायत पर प्राचार्य यशवंत माली ने यह मामला 8 अगस्त को जिला शिक्षा विभाग को भेजा था। जांच में आरोप सही पाए जाने पर राजेंद्र शर्मा को निलंबित किया गया, और फिलहाल वे जीवन निर्वाह भत्ते के लिए कार्यालय में उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं।

जनपद अध्यक्ष गोपाल चारण का मामला अब भी अधर में
मंदसौर जिले के जनपद अध्यक्ष गोपाल चारण पर भी 27 मार्च 2023 को लोकायुक्त ने ₹50,000 की रिश्वत लेते हुए कार्रवाई की थी।
यह रिश्वत ग्राम खेड़ा राठौर में ₹5 लाख की अनुमानित लागत वाले ई-कक्ष भवन निर्माण की स्वीकृति के बदले मांगी गई थी।
दो साल बाद भी यह मामला लंबित है और जनपद अध्यक्ष अपने पद पर बने हुए हैं। नागरिकों का कहना है कि यह राजनीतिक संरक्षण का परिणाम है।

स्थानीय नागरिकों की प्रतिक्रिया
जावद के सामाजिक कार्यकर्ता नारायण सोमानी ने कहा —
“जहाँ हमारे नगर के युवा अपनी मेहनत और काबिलियत से प्रदेश में नाम कमा रहे हैं, वहीं कुछ लोग भ्रष्टाचार कर नगर की छवि खराब कर रहे हैं। सरकार को ऐसे मामलों में सख्त कदम उठाने चाहिए।”

सुशासन पर उठे सवाल
लगातार सामने आ रहे भ्रष्टाचार के मामलों ने राज्य सरकार के सुशासन के दावों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सरकारी विभागों में पर्याप्त वेतन और सुविधाएँ होने के बावजूद रिश्वतखोरी जैसी प्रवृत्तियाँ आम नागरिकों के भरोसे को तोड़ रही हैं।
जनता का कहना है कि जब तक राजनीतिक संरक्षण समाप्त नहीं होगा, तब तक भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना मुश्किल रहेगा

हिमांगिनी बोलीं- मैं सही, कोर्ट जाऊंगी इधर, हिमांगिनी शर्मा ने The Times of MP से चर्चा के दौरान रिश्वत लेने जैसे आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने प्रभु लाल धनगर को बीस हजार उधार दिए थे। उन्होंने 15 हजार आज लौटाए हैं। प्रभु लाल की सैलरी बाकी थी और वह ओवरएज हैं उन्हें रुपयों की जरूरत होने पर मैंने उन्हें पैसे उधार दिए। अगर मैं सही हूं तो मैं खुद को सही साबित करने के लिए कोर्ट जाऊंगी।

वहीं उज्जैन लोकायुक्त डीएसपी दिनेश चंद्र पटेल ने बताया कि प्रभु लाल धनगर जिला थोक उपभोक्ता भंडार कालाखेत में सहायक प्रबंधक के रूप में पदस्थ हैं, उन्होंने 22 सितंबर को शिकायत दर्ज करवाई थी। बताया था कि संस्था की प्रशासक हिमांगिनी शर्मा संस्था संचालक संबंधित स्टेशनरी क्रय करने के लिए नोटशीट और चेक पर हस्ताक्षर करने के एवज में तीस हजार रुपए रिश्वत की मांग रही हैं। आज प्रशासन हिमांगिनी को पंद्रह हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है।

कार्रवाई को लोकायुक्त डीएसपी दिनेशचंद्र पटेल, हीना डावर, अनिल अटोलिया, श्याम शर्मा, नीरज कुमार, नेहा मिश्रा, मनीषा राजपूत, हितेश ललावत और अंजली पूरानिया की टीम ने अंजाम दिया।

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Aakash Sharma (Editor) The Times of MP

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