नीमच में आदेश का अब भी इंतजार
मंदसौर (ब्यूरो रिपोर्ट): मकर संक्रांति का पर्व नजदीक आते ही मंदसौर जिला प्रशासन एक्शन मोड में आ गया है। आमजन और बेजुबान पक्षियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए मंदसौर कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट अदिति गर्ग ने एक बड़ा और कड़ा फैसला लिया है। उन्होंने जिले की सम्पूर्ण राजस्व सीमा में नायलॉन, सिंथेटिक और कांच के लेप वाले ‘चायनीज मांझे’ के निर्माण, खरीदी-बिक्री, भंडारण और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है।
क्या है आदेश में? कलेक्टर द्वारा जारी यह आदेश भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) 2023 की धारा 163 के तहत प्रभावी होगा और आगामी दो महीनों तक लागू रहेगा। प्रशासन का स्पष्ट कहना है कि यह मांझा न केवल इंसानों के लिए बल्कि पक्षियों और पर्यावरण के लिए भी बेहद घातक है। यह आसानी से नष्ट नहीं होता और कई बार जानलेवा दुर्घटनाओं का कारण बनता है।
उल्लंघन पर होगी सीधी FIR आदेश की अवहेलना अब भारी पड़ेगी। यदि कोई व्यक्ति या दुकानदार प्रतिबंधित मांझा बेचते या उपयोग करते पाया गया, तो उस पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा 223 के तहत सख्त दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। सभी थाना प्रभारियों और तहसीलदारों को अपने क्षेत्रों में ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति अपनाने और सघन निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं।
नीमच प्रशासन की सुस्ती पर सवाल जहाँ एक ओर मंदसौर कलेक्टर ने समय रहते कड़े कदम उठा लिए हैं, वहीं पड़ोसी जिले नीमच में प्रशासन की तरफ से अभी तक ऐसा कोई प्रतिबंधात्मक आदेश जारी नहीं किया गया है। नीमच के नागरिक और पर्यावरण प्रेमी भी मकर संक्रांति से पहले ऐसे ही सख्त आदेश की बाट जोह रहे हैं, ताकि वहां भी जानलेवा मांझे पर लगाम लग सके।






















