नीमच (MP) के चेक बाउंस मामले में वांछित, स्टॉकिसों की सिक्योरिटी मनी हड़पने का सनसनीखेज मामला
बेंगलुरु/नीमच: कॉर्पोरेट जगत और फार्मा डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क में हड़कंप मचाने वाली खबर सामने आई है। बेंगलुरु स्थित दवा कंपनी सनक्योर फार्मास्युटिकल प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) आनंद कुमार पांडे पर गंभीर आर्थिक अनियमितताओं और धोखाधड़ी के आरोप लगे हैं। कंपनी के प्रमुख पर स्टॉकिसों का लाखों रुपये का गबन करने और आपराधिक मामले में दो साल से फरार होने का आरोप है।
करोड़ों की धोखाधड़ी: स्टॉकिसों की पूंजी खतरे में
MD आनंद कुमार पांडे पर आरोप है कि उन्होंने देशभर के फार्मा स्टॉकिसों को डिस्ट्रीब्यूटरशिप देने के नाम पर उनसे ‘सिक्योरिटी मनी’ के रूप में बड़ी रकम जमा कराई। हालांकि, निर्धारित समयावधि बीत जाने के बाद भी न तो स्टॉकिसों को उनकी मांग के अनुरूप माल सप्लाई किया गया और न ही उनका कमीशन या जमा पूंजी वापस लौटाई गई।
सूत्रों के अनुसार, यह धोखाधड़ी करोड़ों रुपये की है, जिससे कई राज्यों के स्टॉकिसों का व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुआ है। आरोप है कि यह राशि MD पांडे द्वारा निजी खर्चों और अय्याशी के लिए इस्तेमाल की गई है।
नीमच चेक बाउंस केस में 24 महीने से फरारी
इन आर्थिक आरोपों के बीच, MD आनंद कुमार पांडे का एक आपराधिक रिकॉर्ड भी उजागर हुआ है। वह मध्य प्रदेश के नीमच जिले में दर्ज एक चेक बाउंस मामले में पिछले दो साल (24 महीने) से पुलिस और कानून की गिरफ्त से बाहर है।
कंपनी का प्रमुख होने के बावजूद उसका लंबे समय से फरार रहना, आरोपों को और भी बल देता है। कानून प्रवर्तन एजेंसियों की निष्क्रियता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं कि कैसे एक भगोड़ा व्यक्ति इतनी बड़ी कंपनी का संचालन करता रहा।
डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन की मांग: प्रभावित स्टॉकिसों के संगठनों ने तत्काल कानूनी हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने पुलिस और आर्थिक अपराध शाखा (EOW) से अनुरोध किया है कि आनंद कुमार पांडे को तुरंत गिरफ्तार किया जाए, कंपनी के खातों की गहन जाँच हो, और धोखाधड़ी से हड़पी गई स्टॉकिसों की पूंजी उन्हें वापस दिलाई जाए।






















